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जिला चंबा तहसील चुराह जसौरगढ़ के तिलक राज ठाकुर ने इतिहास में पास की नेट परीक्षा

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जिला चंबा तहसील चुराह जसौरगढ़ के तिलक राज ठाकुर ने इतिहास में पास की नेट परीक्षा

वह कई सालों से एसएमसी के तहत पीजीटी शिक्षक के तौर पर पढ़ा रहे है । और साथ में अपनी परीक्षा की भी तैयारियों में जुटे हुए थे।

उनका मानना है मेरा इस परीक्षा के प्रति समर्पण खुद को जिंदा रखना था इस प्रमाणस्वरूप, उन्होंने साबित किया है कि आयु केवल एक संख्या है, जिसका कोई महत्व नहीं होता, जब व्यक्ति मेहनत और संघर्ष में समर्पित है।

 

तिलक ने यह साबित किया है कि अगर कोई व्यक्ति सही मायने में कड़ी मेहनत करे और संघर्ष को हार नहीं माने, तो आयु का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उनकी कड़ी मेहनत ने यह सिद्ध किया है कि सच्ची सफलता में आयु का कोई स्थान नहीं होता, बल्कि व्यक्ति की मेहनत और उनकी उम्मीदों को पूरा करने की क्षमता होती है।

 

तिलक की उपलब्धि ने समाज में एक सकारात्मक संदेश भेजा है, जो कहता है कि यदि कोई अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित है, तो उसकी मेहनत और उम्मीदें ही उसके मुकाम को निर्धारित करती हैं, इससे आयु का कोई महत्व नहीं होता।

 

तिलक ठाकुर ने अपने जीवन की महत्वपूर्ण कदमों में से एक को साकार किया है, जब उन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में सफलता प्राप्त की। इस परीक्षा से गुजरकर उन्होंने ना केवल अपनी मेहनत और समर्पण का सबूत दिया, बल्कि अपने परिवार को भी गर्वित किया।

 उनके माता-पिता, भाइयों और बहनों ने इस उपलब्धि को एक साथ उदाहरण के रूप में स्वीकारा है। इससे पूरे परिवार में एक खुशी का माहौल है, जो उत्साह और सहयोग से भरा हुआ है।

 

तिलक ने न केवल अपने लक्ष्य को हासिल किया है, बल्कि उन्होंने अपने परिवार को भी साथ लेकर यह साबित किया है कि सफलता का सुख साझा करने में ही असली खुशी होती है। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें समर्पितता और आत्मनिर्भरता की ऊंचाइयों तक पहुँचाया है, और इससे उन्हें और भी उच्चतम स्थितियों की प्राप्ति की दिशा में प्रेरित किया है।


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